भारतीय इतिहास के झूठ: भारतीय इतिहास में लिखे गए सबसे बड़े झूठ

Shivam Tripathi
6 min readFeb 24, 2021

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भारतीय इतिहास जो हमे बचपन से पढ़ाया जाता है। उसमें कई बातें झूठ हैं और कई बातें छुपाई गयी हैं। आज इस लेख में आप भारतीय इतिहास के झूठ से अवगत होंगे। ये झूठ हैं इनका प्रमाण भी है। जिसे पढ़कर आप खुद सोच सकते हैं कि क्या सच है और क्या झूठ।

भारतीय इतिहास में झूठ किसने लिखा?

अंग्रेजो के शासन काल में जर्मनी और ब्रिटेन के कुछ लेखको के नाम आते हैं। जिन्होंने भारतीय इतिहास में झूठ लिखे। वे थें — मैक्समूलर रूडाल्फ़, रोथ अल्बर्ट, वेबर और ब्रिटेन के थे विलियम जोन्स तथा मैकाले।

सबसे पहले भारत में मुग़ल लोग आये और भारत देश उनका गुलाम हो गया। जब वो लोग राजा थे तो उन्होंने इतिहास को अपने हिसाब से लिखवाया। और ऐसा इतिहास लिखवाया जो सिर्फ उनकी बड़ाई करता था।और बाकी के पहले राजा लोगो को उनसे कमज़ोर बताता था।

साथ ही साथ उन्होंने इतिहास को इतना गलत करवा दिया कि ऐसा लगने लगा की भारत देश का विकास इन्होने ही किया है। इसके पहले भारत देश के लोग बहुत गरीब थे। और इन लोगो ने ही भारत को अमीर बनाया है।

इसके बाद आये अंग्रेज। इन्होने भी भारत के इतिहास को उतना बदला जितना वो बदल सकते थे। उन्होंने यहाँ तक लिखवाया की भारत के लोग पहले बहुत अशिक्षित थे। और इन लोगो ने ही ज्ञान को इंडिया में लाया है।

जब भारत देश में अंग्रेज लोगो का शासन काल था तो जर्मन और अंग्रेज इतिहासकारों और लेखको में होड़ मच गयी। भारत के इतिहास को लिखने की। जब दोनों लोगो ने भारत का इतिहास लिखना शुरू किया तो उतना झूठ लिखा जितना उनका मन किया।

भारतीय इतिहास के झूठ लिखने में सिर्फ इन्ही लोगो का हाथ नहीं था। (भारतीय इतिहास में झूठ क्यों लिखे गए?) इसमे कुछ लालच भी था।

धन का लालच किसको नहीं होता? बस फिर क्या था? अंग्रेजो और राजाओं ने लेखको को पैसे दे दिए की वो झूठ झूठ उनकी बड़ाई लिखे। बस फिर क्या था? उन्होंने छोटी सी बात को भी बढ़ा चढ़ा कर लिख दिया।

कोई चाहे जितना महान हो। लेकिन अगर वो किसी के अधीन हो जाता है। तो वो अपना महत्व खो देता है। परतंत्रता जीवो के स्वाभाव को और उसके पुराने अस्तित्व को खराब कर देता है। अगर एक शेर को पिंजरे में रखा जाये तो वो धीरे धीरे शिकार करना भूल जाता है।

भारत के इतिहास के साथ भी ऐसा ही हुआ। वैसे तो भारत का पुराना इतिहास बहुत ही महान रहा है। लेकिन एक हज़ार साल की गुलामी ने भारत के लोगो को उसका अस्तित्व भूलने पर मजबूर कर दिया।

और आखिरकार वो धीरे धीरे अपनी महानता को भूलते चले गए। और साथ ही साथ ये भी भूल गए की उनके पूर्वज कैसे थे।

आपने वो बात तो सुनी ही होगी। जिसकी लाठी उसकी भैंस। जब भारत देश गुलाम था तो जो लोग राजा थे उन्होंने वैसा किया जैसा वो चाहते थे। उन्होंने उन सारी बातो को गलत कह दिया जो भारत देश के पहले के गौरव का बखान करते थे। जो बताते थे की भारत देश कितना महान था।

इन सब बातों को गलत साबित करके उन्होंने ऐसा इतिहास लिखवाया, जो उनको ही सबसे महान बताता हो। और बाकी के लोगो को उनका गुलाम या उनसे कमज़ोर बताता हो।

साथ ही साथ वो राजा जिस धर्म संप्रदाय से जुड़े थे उसको सबसे महान बताने में लगे रहे। उन्होंने इतिहास में अपने धर्म को सबसे महान लिखने को कहा।

भारतीय इतिहास में क्या क्या झूठ लिखे गए? (भारतीय इतिहास के झूठ)

भारतीय इतिहास के झूठ नंबर 1 (श्रीराम और श्रीकृष्ण थे ही नहीं)

जब अंग्रेजो ने भारत देश पर अपना राज स्थापित करने का सोचा, तो उनके सामने सबसे बड़ी दिक्कत थी भारत की एकता। और उस एकता का कारण था उनका धर्म और उनके पुराण। साथ ही साथ उनके धर्म में लिखी पुरानी बातें, उनकी एकता को बल देती थीं।

अंग्रेज ये अच्छी तरह जानते थे की इस देश की एकता को तोडना है, तो इनके पुराणों को गलत साबित कर दो।उन्होंने रामायण महाभारत को सिर्फ एक सोच बता दिया। और कहा की कभी भगवान राम और कृष्ण नहीं थे।

जब आज़ादी के बाद कांग्रेस की सरकार आई तो उसने भी इसी काम में कदम बढाया। लेकिन वो कभी सफल नहीं हुई। उसने ये तक कहा की रामसेतु पुल काल्पनिक है और उसको तोड़ दिया जाए। अब बात करते हैं कुछ ऐसे प्रमाणों की जिससे साफ़ हो जाएगा की श्रीराम और कृष्ण थे।

१ रामायण

रामायण कितना पुराना है इस बात का पता वन पर्व में पता चलता है। जब कहा जाता है की राजन पुरातन काल के इतिहास में जो घटित हुआ है अब वो सुनो।

यहाँ दो शब्द इतिहास और पुरातन रामायण के प्राचीनता को दिखाता है।
रामायण सच है इसको NASA ने 1966 में और भारत ने 1992 में साबित कर दिया।

जब उनके द्वारा छोड़े गए सैटेलाइट ने रामसेतु के फोटो को भेजा और बताया की ये कोई बड़ी रचना है। जो की अब समुद्र में डूब गयी है।

रामायण कितना पुराना है इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है। सुन्दरकाण्ड में लिखा हुआ है की जब हनुमान जी सीता जी की खोज में जाते हैं तो वहां पर उन्होंने रावण के महल के पास में 3 और 4 दन्त वाले हाथी देखे थे। श्री पी एन ओक के अनुसार मॉडर्न साइंटिस्ट्स का कहना है की ऐसे हाथी पृथ्वी पर थे तो लेकिन लगभग 10 लाख साल पहले।

इस बात के साथ ही ये बात भी साफ हो गयी की रामायण इससे पहले का है और सच भी है।
साथ ही साथ ये भी बात साबित हो गयी की भगवान राम थे।

2 महाभारत और श्रीकृष्ण

महाभारत वेदव्यास द्वारा रचित है। ये रचना महाभारत के तुरंत बाद लिखी गयी। इस ग्रन्थ को सबसे पहले वैषम्पायन ने राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय को सुनाया था। ये रचना लगभग 5000 साल पुरानी है।

वैसे तो ये रचना या ये कहें की ये लड़ाई परिवार में हुई थी। लेकिन इसमें भारत देश के साथ साथ बाहर के लोगो ने भी हिस्सा लिया। ये इतनी बड़ी लड़ाई होने की बावजूद भी सिर्फ श्रीकृष्ण की आस पास घूमती दिखाई देती है।

इसके प्रमाण मिलना तब शुरू हुए जब समुद्र में तेल खोजते समय उन्हें कुछ पुरानी वस्तुएं मिली। जो की 5000 साल पुरानी थीं। बाद में खोज से पता चला की यही वो जगह है जहाँ पर भगवान श्रीकृष्ण की नगरी द्वारिका थी।

उस खोज में मिली वस्तुएं थीं मोहरे, जार, मिटटी के बर्तन, झंडा। इस बात के साथ यह बात भी सिद्ध हो गयी की महाभारत 5144–45 वर्ष पूर्व में हुआ था। इसी बात के साथ साथ यह भी सिद्ध हो गया की श्रीकृष्ण थे।

भारतीय इतिहास के झूठ नंबर 2 (महाभारत का युद्ध हुआ ही नहीं था)

जब अंग्रेजो ने भारत पर अपना कब्ज़ा किया। तो उनको पता चला की वो यहाँ के साहित्य में तब तक कोई परिवर्तन नहीं कर सकते। जब तक महाभारत और रामायण का नाम है। क्योंकि वो भारत के सच्चे इतिहास को बताते थे।

इसलिए सबसे पहले उन्होंने रामायण और महाभारत को गलत साबित करना शुरू कर दिया। लेकिन कहते हैं न! सच को जितना दबाया जाता है वो उतना ही मज़बूत होता जाता है।

उसी तरह से जब इस बात को गलत साबित किया गया। तो बहुत से ऐसे सबूत मिलने लगे जिससे ये बात पता चलने लगी की रामायण और महाभारत सत्य हैं।

भारतीय इतिहास के झूठ नंबर 3 ( राजा विक्रमादित्य कभी थे ही नहीं )

विक्रम संवत के प्रवर्तक विक्रमादित्य को कौन नहीं जानता?

अगर आज की बात करें तो शायद ही कोई हो, जो राजा विक्रमादित्य के बारे में न जानता हो। लेकिन अगर बात करें आज के 300 साल पहले की, तो ये बाते इतनी प्रसिद्ध नहीं थी।

और उस वक़्त के लूटेरो ने इस बात का फायदा उठाने की कोशिश की। और सोचा की इनके नाम को इतिहास से ही गायब कर दिया जाए। क्योंकि उनके जैसा राजा फिर कभी हुआ नहीं जो की लूटेरो को बर्दाश्त नहीं हुआ।

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